कफ़ (Cough) एक समान्य प्रकार की गले में होने वाली बीमारी है | जो संक्रमण से होता है | जब कभी स्वांस लेने की प्रक्रिया के दौरान कुछ हानिकारक बैक्टीरिया हमारे स्वांस नाली में पहुच जाता है, तो हमारे शरिर में मौजूद सफ़ेद रक्त कोशिकाएं (WHITE BLOOD CELL) इन हानिकारक बैक्टीरिया (HARMFUL BACTERIA) से बचाने के लिए जेलिनुमा तत्वं बनाते है जिसे कफ़ (खांसी) कहा जाता है | खांसी की शिकायत किसी भी ऊम्र के लोगो को हो सकती है, परन्तु सबसे अधिक कम ऊम्र के बच्चे एवं ऊम्र दराज लोगो में खासकर इस तरह की समस्याए मिलती है |
खांसी होने के कारण
- अक्सर मौसम में परिवर्तन होने के साथ इस प्रकार की समस्या होती है |
- या कभी कभी ठंढी मौसम के प्रभाव में मानव शरिर के आने से होता है |
- कफ़ के जमाव से गले में सुजन एवं दर्द होने लगता है जो कभी कभी असहनीय हो जाता है |
- इसके अलावा कई तरह के बीमारियों के होने से जैसे (टी.बी),(अस्थामा) आदि के होने पर भी कॉफ़ की शिकायत हो सकती है |
- वतावार्निय प्रदुसान के संपर्क में आने से |
- ठंडी चीजे जैसे आइसक्रीम, शीतल पेय , के सेवन से |
- तेज धुप के बाद अचानक वर्षा होने से शरिर की रोग प्रतिरोधक छमता में कमी (कमजोर) होने से |
खांसी / कफ़ निदान
वैसे तो खांसी का निवारण के लिए बाजार में कई तरह के दवाइया (medicine) उपलब्ध मिलती है | परन्तु कफ़ के समास्या से निजात पाने के लिए घर में उपयोग की जाने वाली घरेलु सामानों से भी इसका ईलाज किया जा सकता है | जैसे :
नमक पानी से गर्गिल
कॉफ़ की शिकायत होने पर पानी को गर्म करके उसमे चुटकी भर नमक मिलाकर गर्गिल करना चाहिए जिस्से गले में होने वाली तकलीफ से राहत मिलती है |
शहद (honey)
अगर आप को कॉफ़ की समस्या है, तो दिन में तीन बार शहद को थोडा थोडा(एक या दो चम्मच ) कर के लेने से रहत मिल सकती है |
सरसों के तेल (mustard oil massage)
सरसों के तेल में लहसुन के कुछ टुकड़े को डालकर उसे लाल होने तक गर्म करे उसके पश्च्यात उस तेल से छाती एवं गर्दन को मालिश करने से तकलीफ कम हो जाती है |
अदरक (ginger)
अदरक आसानी से मिलने वाली चीज है, जो प्राय सभी घरो में उपलब्ध मिलती है| इसका उपयोग भी कॉफ़ के निवारण के लिए किया जा सकता है | इसके लिए सबसे पहले अदरक की छोटे से टुकड़े को घी में मिलाकर पानी में 5 मिनट तक उबलने के बाद उसे पिने से खांसी दूर हो जाती है |
गरम पानी (use hot water)
पिने के लिए रोजाना हमेशा गरम पानी का ही इस्तेमाल करे |
गरम अदरक वाली चाय (hot ginger tea)
गरम अदरक वाली चाय (tea) पीजिये | गरम कॉफ़ी भी स्वासन क्रिया को समान्य रखने में मदद करती है |
ठंडी चीजो से परहेज (avoid cold things) : कॉफ़ की शिकायत होने पर ठंडी चीजो का सेवन नहीं करना चाहिए |
शीतकालीन मौसम के समय जब भी घर से बाहर निकले खुदको गरम कपड़ो से ढक ले, सिर में ठंड न लगने पाए , इसके लिए टोप्पी का इस्तेमाल करे | इस्से कान में तक ठंड नहीं पहुचेगी और और आपको ख़ासी से आराम मिलेगी |