दूध में तुलसी के पत्ते मिलाकर पीने के फायदे
घरेलू नुस्खे बिना किसी साइड इफेक्ट के कई बीमारियों को दूर करते हैं। पीढि़यों से चले आ रहे ये नुस्खे हमेशा से फायदेमंद साबित हुए है और शायद आगे भी होते रहेंगे। ऐसे ही कुछ टिप्स तुलसी को लेकर भी है। तुलसी एक ऐसा हर्ब है जो कई समस्याओं को आसानी से दूर कर सकती है। सर्दी जुकाम हो या सिरदर्द तुलसी का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी को अगर दूध के साथ मिला लिया जाये तो ये कई बीमारियों के लिए रामबाण साबित होती है। आज हम आपको बता रहे हैं कैसे तुलसी की तीन से चार पत्तियां उबलते हुए दूध में डालकर खाली पेट पीने से आप सेहतमंद रह सकते हैं।
तनाव कम करें
आजकल की जीवनशैली के चलते तनाव की समस्या बहुत आम हो गई है। लेकिन गर्म दूध में तुलसी मिलाकर पीने से नर्वस सिस्टम रिलैक्स होता है। यह स्ट्रेस हार्मोन को नियंत्रित कर एंजाइटी और डिप्रेशन से बचाता है, जिससे व्यक्ति का तनाव अपने आप कम हो जाता है। अगर आप भी किसी प्रकार के डिप्रेशन या चिंता से ग्रस्त है तो दूध में तुलसी डालकर उसका सेवन अवश्य करें। इसके अलावा अगर आप रह-रहकर सिर में दर्द होता है तो दूध में तुलसी मिलाकर रोजाना सुबह पीना बहुत फायदेमंद हो सकता है। इससे आपको धीरे-धीरे आराम मिलता है।
सांस संबंधी रोगों में लाभदायक
अगर किसी व्यक्ति को अस्थमा या अन्य कोई सांस सम्बंधी रोग है तो उसे प्रतिदिन सुबह तुलसी और दूध का सेवन करना चाहिए। तुलसी और दूध में एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण इससे उसकी बीमारी कुछ ही दिनों में सही होना शुरू हो जाएगी। इसके अलावा तुलसी वाला दूध फ्लू को जल्द ठीक करने में मदद करता है। तुलसी में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेंटरी तत्वों के कारण ये फ्लू के लक्षणों को दूर कर आपको जल्द ठीक होने की शक्ति प्रदान करता है।
किडनी, दिल और कैंसर के लिए अच्छा
हृदय रोग से ग्रस्त लोग या उनके परिवार में किसी को पहले हुआ हो और उन्हें होने की संभावना हो, तो ऐसे लोगों को रोज सुबह खाली पेट दूध और तुलसी का सेवन करना चाहिए। इससे ह्दय स्वास्थ्य अच्छा हो जाता है। अगर किसी व्यक्ति को किडनी में स्टोन होने की शुरूआत हुई है तो उसे दूध और तुलसी का सेवन करना चाहिए, इससे किडनी का स्टोन धीरे-धीरे गलने लगता है। तुलसी में कई एंटीबायोटिक और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ दूध में सारे अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो कि इम्यून सिस्टम मजबूत करते हैं। जिसकी वजह से कैंसर जैसी घातक बीमारी, शरीर के कमजोर न होने की स्थिति में पनप नहीं पाती है।
बुखार का इलाज करें
तुलसी में बहुत ही शक्तिशाली कीटाणुनाश, कवकनाशी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीबायोटिक गुण होते है जो बुखार का इलाज करने में मददगार होते हैं। इसमें मलेरिया के आम संक्रमण के कारण होने वाले बुखार का इलाज करने की क्षमता होती है। आयुर्वेद में तो बुखार से पीड़ित लोगों को तुलसी के पत्तों को काढ़ा देने की सलाह दी गई है। बुखार होने पर आधा लीटर पानी में थोड़ी सी तुलसी की पत्तियां और इलाइची पाउडर को मिलाकर उबाल लें। जब यह उबलकर आधा रह जाये तो इसमें दूध और चीनी मिलाकर काढ़ा बना लें। इसे हर दो से तीन घंटे के बाद पीएं। यह उपाय बच्चों के लिए विशेष रूप से अच्छा होता है।