जब एक मौसम से दूसरे मौसम में बदलाव होता है तो इसके बीच का समय सबसे ज्यादा नुकसानदेह होता है।
जब एक मौसम से दूसरे मौसम में बदलाव होता है तो इसके बीच का समय सबसे ज्यादा नुकसानदेह होता है। चूंकि हम इन बदलावों के लिए तैयार नहीं रहते या थोड़ी सी लापरवाही कर देते हैं तो हमारे ऊपर बदलता मौसम असर कर जाता है। मौसम का यही असर सर्दी, जुकाम और वायरल फीवर के रूप में नजर आता है। अब तो डेंगू और चिकनगुनिया का भी खौफ बना रहता है। लेकिन खुद कुछ सामान्य एहतियात बरत कर इन मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है। ऐसे समय में खाने-पीने की चीजों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। आपको अपने भोजन में ऐसी चीजें शामिल करना चाहिए जिसमें इम्यून सिस्टम बढ़ाने की पर्याप्त साम्रग्रियां मौजूद हों।आइए जानते हैं इनके बारे में......
गिलोय :
इसके बारे में बहुत से भारतीय जागरूक नहीं है लेकिन गिलोय का सेवन बहुत आसान है क्योंकि इसे उगाना बहुत आसान है। गिलोय को आयुवेर्दिक हलकों में अमृत के रूप में माना जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट का पॉवरहाउस है और बार-बार आने वाले बुखार, मधुमेह और गठिया से लेकर अपच, अस्थमा तक का इलाज करता है। आप आयुर्वेदिक स्टोर से गिलोय का पाउडर या ज्यूस ले सकते हैं या खुद के आंगन में इसे उगा सकते हैं। यही नहीं बालकनी में किसी पॉट में भी इसे उगाया जा सकता है।
एलोवेरा :
यह केवल आपकी त्वचा के लिए ही अच्छा नहीं है बल्कि इसका हाई विटामिन और मिनरल डायजेशन से लेकिर डिटोक्सिफिकेशन में मदद करता है। एलो एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक, एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल इंग्रेडिएंट है। आप इसका ज्यूस या सलाद ले सकते हैं।
तुलसी : जहां हम तुलसी मां की पूजा करते हैं, वहीं यह तुलसी हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक है। यह मुंहासे से लड़ती है और हमें मधुमेह, कैंसर, सांस की बीमारियों और क्रॉनिक फीवर से रक्षा करती है।
अंजीर: अगर आपने अभी तक अंजीर का सेवन नहीं किया है तो आज से ही शुरू करें। यह फल केवल टेस्ट में ही शानदार नहीं है बल्कि इससे उच्च पोषण भी मिलता है। यह रक्तचाप, कैंसर, मधुमेह और दिल की बीमारियों के इलाज में मदद करता है। यह आपके वजन को कम करने का भी काम कर सकता है। तो इसे दही में मिलाकर खाएं या ऐसे ही इसका सेवन करें।
किशमिश:
किशमिश को पुलाव से लेकर खीर तक में डालने का एक कारण है। यह विटामिन, इलेक्ट्रोलाइट्स और मिनरल्स का समृद्ध स्रोत है। यह सभी इम्यून सिस्टम के लिए अच्छा है। यह कैंसर, कोरोनरी डिसीजेस, एलर्जी और ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए प्रसिद्ध है। हर दिन मुठ्ठी भर किशमिश खाएं और आप वायरल या ऑटो-इम्यून डिसीज से लड़ने के लिए फिट रहें।
व्हीट ग्रास :
इसमें फाइबर, विटामिन और मिनरल्स बहुत ज्यादा होते हैं। व्हीट ग्रास एक ऐसा इंग्रेडिएंट्स है जिसे आसानी से घर पर उगा सकते हैं। यह पाचन के लिए असाधारण रूप से लाभदायक है। यह लाल रक्त कोशिकाओं, पोटेशियम और इलेक्ट्रोलाइट के उत्पादन में मदद करता है। यह सभी आपके शरीर को फिट रखने के लिए काम के हैं। आपको बाजार में आसानी से इसका पाउडर, ज्यूस मिल सकता है।
पपीता का पत्ता : यह भले ही कड़वा हो लेकिन डेंगू बुखार के पारंपरिक इलाज के लिए काम का है। पपीते की पत्तियों का ज्यूस स्वाभाविक रूप से प्लेटलेट काउंट्स को बढ़ाता है। इसका मतलब यह है कि यह डेंगू, मलेरिया और यहां तक कि चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के लिए बड़े काम का है। आप इसे संतरे के पल्प के साथ उबाल सकते हैं या ककड़ी के साथ स्मूथी बना सकते है या फिर कड़वापन हटाने के लिए अंजीर शामिल कर सकते हैं।